मेरा नाम रितेश मौर्य है। मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूं। मैं पेशे से रसायन अभियंत्रण विभाग के प्रथम वर्ष का विद्यार्थी हूं
जिंदगी के इस अनजान सफ़र में, हम अकेले आगे बढ़ते रहे।। जिंदगी के इस अनजान सफ़र में, हम अकेले आगे बढ़ते रहे।।
हर लम्हा हंसी–खुशी, दुःख–दर्द हर लम्हा हंसी–खुशी, दुःख–दर्द
उसके चेहरे का नूर देख कर, जब वो झुमका पहन कर निकली।। उसके चेहरे का नूर देख कर, जब वो झुमका पहन कर निकली।।
कहीं तुम भी न साथ छोड़ देना, इस बदलती दुनिया की तरह।। कहीं तुम भी न साथ छोड़ देना, इस बदलती दुनिया की तरह।।
हर प्रातः देते दर्शन यहां स्वयं शंभूनाथ, हर प्रातः देते दर्शन यहां स्वयं शंभूनाथ,
माना कि मेरे गांव में आधुनिकता की वो शिक्षा नहीं माना कि मेरे गांव में आधुनिकता की वो शिक्षा नहीं
सुना दे फैसला अपने वफाई का, कर दे महफूज़ मेरी जिंदगी को। सुना दे फैसला अपने वफाई का, कर दे महफूज़ मेरी जिंदगी को।
मां भारती के इस सपूत को, सारे जग ने शीश नवाया।। मां भारती के इस सपूत को, सारे जग ने शीश नवाया।।
ऐसा भी एक दिन आया , जब कारगिल भूमि पर दूसरों ने था, अपना परचम लहराया। ऐसा भी एक दिन आया , जब कारगिल भूमि पर दूसरों ने था, अपना परचम लहराया।
वह भी थे, एक माँ की संतान, उनके भी थे कुछ अरमान। वह भी थे, एक माँ की संतान, उनके भी थे कुछ अरमान।