अदालत ए इश्क
अदालत ए इश्क
तेरे हुस्न की अदालत में,
अपने इश्क की फरियाद
लेकर आया हूं,
गवाही मेरे दिल की है,
मुजरिम तेरी ये कातिल निगाहें हैं,
तू सुन ले मेरे दिल की गवाही,
सुना दे फैसला अपने वफाई का,
कर दे महफूज़ मेरी जिंदगी को।।
तेरे हुस्न की अदालत में,
अपने इश्क की फरियाद
लेकर आया हूं,
गवाही मेरे दिल की है,
मुजरिम तेरी ये कातिल निगाहें हैं,
तू सुन ले मेरे दिल की गवाही,
सुना दे फैसला अपने वफाई का,
कर दे महफूज़ मेरी जिंदगी को।।