हमारा तुम्हारा रिश्ता दोस्ती या प्रेम
हमारा तुम्हारा रिश्ता दोस्ती या प्रेम
1 min
4
बन गया है, एक रिश्ता,
उलझन भरा मेरे जीवन में,
अब उसे दोस्ती कहूं या प्रेम,
हर लम्हा हंसी–खुशी, दुःख–दर्द,
अब उसे दोस्ती कहूं या प्रेम....
अब तो ऐसा लगता है,
जैसे उससे कई जन्मों पुराना,
मेरा कोई रिश्ता लगता है।।