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Nand Kumar

Tragedy

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Nand Kumar

Tragedy

जातिवाद का जहर

जातिवाद का जहर

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जातिवादी जहर से है ,

विकृत मानवता हुई।

स्वार्थ मे डूबे सभी ,

सबकी समस्या अनछुई।


याद कर स्वर्णिम समय वो ,

जब सभी हम आर्य थे।

भ्रातृत्व की थी भावना ,

इच्छित सभी के कार्य थे।


एक सीमित सोच ने अरु,

मनुज के इस दम्भ ने ।

घोल दी नफरत दिलो मे,

द्वेष अरु पाखण्ड ने।


नीद से जागो सभी ,

निज सोच कुत्सित त्याग दो।

बन्धुत्व के इस दायरे को ,

और ज्यादा माप दो।


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