जानवर का मनुष्य से प्रश्न
जानवर का मनुष्य से प्रश्न
नहीं तू क्यूँ सुधरना चाहता? मानव बता हमको।
बुरा हमने तेरा क्या क्या किया? वह सब दिखा हमको।
जुबां होती हमारी तो तुझे दुखड़ा सुना देते।
सुनाने को मिली तुझको जुबां चल तू सुना हमको।
तेरे ऐसे ही कृत्यों से हुआ नाख़ुश ख़ुदा तुझसे।
भयावह रोग तू पाया, नहीं है जो मिला हमको।
नहीं है वास्ता हमको कभी तुझसे, न होगा ही।
मगर तू अपनी ताक़त से डराता ही रहा हमको।
तेरी शैतानियों से त्रस्त है धरती , नदी, सागर
जताता हक़ सभी पर मालिकाना क्यों बता हमको?
नही सुधरेगा तो तू भी मरेगा काल से पहले।
मिटेगा नाम तेरा और मिलेगी ये धरा हमको।