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Varsha Divakar

Classics

3  

Varsha Divakar

Classics

जाने क्यों...??

जाने क्यों...??

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आप सबसे दूर..... रह पाती हूँ कैसे😢( परिवार )
अपने आँसू..मुस्करा कर न जाने छिपा पाती हूँ कैसे 🥺
रह जाती हूँ मै अकेले आप सब के बिन.....
न जाने अकेले मै  अब रह जाती हूँ कैसे 😢

आती हैं  घर की याद बहुत 🥺
पर न जाने अपने मन को संभाल लेती हूँ कैसे
लगता हैं डर अकेले चलने मे मुझे.....

पर न जाने  हिम्मत जुटा पाती हूँ कैसे
अब मै अपनो से दूर... न जाने रह जाती हूँ कैसे


जरूरी है इस उम्र में शायद  नौकरी करना...
पर न जाने क्यों दिल बच्चो सी फितरत लिए बैठा है
जाना नहीं है अपनो से दूर....
न जाने दिल इस बात  पे क्यों अड़ा हैं.... 💓

जरूरी है कुछ तानो का जवाब देना
सब कुछ सुन ... न जाने मै शांत रह जाती हूँ कैसे
न जाने क्यो.....पर लगता हैं  ऐसे जैसे....

ऊपर वाला पाप पुण्य का हिसाब कर  ही लेंगे


यही सोच...... न जाने क्यों  बड़े शांत सी बैठी हूँ मै.....


सुन  लेती हूँ अब न जाने कितने  ही किस्से....


लगता अगर बुरा  ..... पर न जाने क्यों


आँखों से आँसू निलकते है और मन साफ हो जाता है


फिर  न जाने क्यों.........रहता नहीं


  गिले शिकवे किसी के लिए


दुनिया ढूंढे मुझमे बुराइयाँ हजार......


मै खुद को उस काबिल बनाऊँ कैसे


न जाने  सबको अपनी अच्छाइयाँ  दिखाऊँ मै कैसे


तकलीफ हो जब किसी को....... जग जाती हूँ मै रातभर


पर न जाने क्यों......  देखे दुनिया लाख बुराइयाँ मुझमें


हो कोई भूखे कभी..... अपना खाना भी दे दिया करती हूँ


रह जाती हूँ मैं भूखी.... पर पेट भूखे का भर जाती हूँ


ढूंढ रहे जो इंसान मुझमें ला खामियां


न जाने उन्हें मै बतलाऊं कैसे.....


ऊपर वाले के हाथ रखा है एक कलम


जिसमें लिख रहे है हमारे करम ☺


दुनिया  रह जायेगी खामियां ढूंढते मुझमें


मै ऊपर वाले के खाते में


अपनी अच्छाइयाँ लिखवाते रहूँगी....


दूर हूँ सबसे पर दिल के करीब मै हमेशा नजर आऊँगी


न जाने अब ......... आँखे बन्द करके


अपनो को महसूस करना सीखी हूँ कैसे


अपनो से दूर जिंदगी बड़ी विरान


पर न जाने सबसे दूर अब रह लेती हूँ कैसे...😢😢


                 ✍️ वर्षा रानी दिवाकर  🥰



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