काबिल.....
काबिल.....
खुद की मुस्कान बरकरार रखने के
काबिल भगवान् ने हमें ही चुना
शुक्रिया उनका, हमारे मुस्कान की
वजह किसी और को नही बनाया......... ☺
बढ़ती उम्र.... पर अपनो ने हमारा
बचपना आज भी जिंदा रखा...... 🥰
शुक्रिया उनका..... हमारी नादानियों को
संभाल रखने की वजह हमारे अपनो को बनाया 🥰🥰
बिखर जाते इस जमाने में कहीं.......
अगर साथ अपनो का ना होता 😔
ढूंढते अपनी मंजिल..... न जाने कौन से राहों पे भटकते
शुक्रिया उनका..... जन्नत जैसा घर
मुझ नाचीज के किस्मत मे लिख डाला 🥰🥰🥰
✍️ वर्षा रानी दिवाकर 🥰
