STORYMIRROR

Varsha Divakar

Inspirational

4  

Varsha Divakar

Inspirational

तेरी जुबाँ

तेरी जुबाँ

2 mins
325

तूने मांगा भी तो मुझसे मेरी जान की
हीफाजत ही माँग बैठा ......
तूने जुबान खोला भी तो..... तू सलामत रहे
और साथ रहे बस इतना ही बोल बैठा ......
तूने हाथ जोड़ उस ऊपर वाले से
दुआ मांगा तो सिर्फ मेरे लिए दुवाये मांग बैठा
मेरा भाई तू...... मेरे लिए ऊपर वाले से जिंदगी माँग बैठा

होती मै भी आज एक ऊँचे मुकाम पे

अगर परवाह मुझे तेरा ना होता


प्यार के धागे मे बांधे तू मुझको


इस जमाने से बेखबर कर जाता है


मेरा भाई तू.....  मेरी परवाह हद से ज्यादा कर जाता है


तुझे मान सुरक्षा कवच अपनी......मै


बिंदास रह लिया करती हूँ ....


छोटी हूँ तुझसे.... पर तेरे पास रह


बच्चो सी नादानियां कर बैठती हूँ....


बहुत भरोसा तुझ पे..... तू हर सफर मुझे संभाल लेगा


दुनिया की इस भीड़ में..... मै हाथ पकड़ चलती हूँ


मेरा भाई तू ..... हर बला से बचा कर मुझे ले आयेगा 🥰💓


आदत सी ठहरी..... तेरा हाथ पकड़


तेरे साथ साथ चलने की....... जो आये कभी तूफां


तब तेरे पीछे पीछे चलने की


अब हिम्मत ही नहीं  किसी सफर पे अकेले चलने की


दिल तो अब भी तेरा साथ ही ढूंढता है.........


मेरेभाई तुझसे दूर......... अब बहुत अकेला सा लगता हैं 🥺


चाहिए होती आज़ादी तो कब का सबसे दूर चली गई होती


नौकरी हाथ में होती और मै पैसों से खेल रही होतीं


पर चाहिए नही अपनो से आज़ादी मुझे


परिवार  के बंधन मे  .... मै बंधे रहना चाहती हूँ


ना  हो मेरे पास नौकरी...... पर घर में ही रहना चाहती हूँ


पैसों से नही.... मै अपनो से इश्क करना चाहती हूँ
मेरे प्यारे भाई....... मै हमेशा तेरा साथ मांगना चाहती हूँ 💓💓💓💓💓💓💓

                    ✍️ वर्षा रानी दिवाकर 🥰



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational