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Varsha Divakar

Classics

4  

Varsha Divakar

Classics

प्याला....

प्याला....

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हम भी ठहरे थोड़े पढ़े लिखे इंसान.....
यूँ ही नही हम रूबरू..... सबके खयालो से
हम भी ठहरे थोड़े मन पढ़ने वाले.....
यूँ ही नही हम लोगो से दूर अकेले बैठें
हम भी ठहरे...... स्वाभिमानी इंसान
पर हमारी वजह से भला हो किसी का
तो निश्चल जल सा  खुद बहाके
दूसरो का भला कर जाते हैं......
हम भी ठहरे...... थोड़े साक्षर इंसान
पर खुद पे हम इतरा नही पाते
मिल लेते हैं सबसे.... हँस के मुस्कुरा के
सबके सामने हम आम इंसान खुद को जता देते हैं
हम भी ठहरे थोड़े पढ़े लिखे इंसान...
पर हम सबको ये जाहिर करते नही फिरते
हम मे भी है थोड़ी खुद्दारी
पर हो जहाँ हमारी बुराई भी.... हँसके टाल देते हैं
दुखे न किसी का मन हमारे कारण....
इसलिए हम जहर भी हँसके पी जाते हैं
दूसरो को आगे बढ़ा.... हम खुद ही पीछे रह जाते हैं
लोगो की खुशियों के लिए.......
हम सबसे दूर रह जाया करते हैं...... .

            ✍️ वर्षा रानी दिवाकर 🥰



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