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Varsha Divakar

Inspirational

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Varsha Divakar

Inspirational

मंजिल

मंजिल

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मिल जाये मंजिल घर से दूर कहीं......
रास ना आयेगा...... ये  मंजिल मुझे
सुकूँ का दरिया एक घर ही तो है
अपनो से बिछड़ कर और भला कहाँ चैन आयेगा
अपनो से दूर भला कहाँ कोई और मंजिल  नजर आयेगा 

ठुकरा दूँगी मै हर एक मंजिल
जो मुझे अपनो से दूर ले जायेगा......
कर लूँगी मै कड़ी धूप में काम
पर अपनो के साथ रह जाऊंगी किसी एक जगह ........
मंजिल इतनी  महंगी क्यूँ होतीं हैं
अपनो से दूर  कर क्यूँ देती हैं........
है उलझी मै सवालो में गुम.........
पर जाना ना दूर..... अपनो से कभी 💝🌹💓💓

             ✍️वर्षा रानी दिवाकर


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