जाने क्या अबके दे ....
जाने क्या अबके दे ....
जाने क्या अबके दे ये साल हमें
मुंतज़िर दिल करे बेहाल हमें
काम दिल भी कभी तेरे आए
अपनी रंजिश से कर निहाल हमें
ये वफ़ादारी का सवाल न कर
इस शशोपँज में न डाल हमें
पास आकर कभी तो मिल हमसे
अपने ख़ाबों से अब निकाल हमें
चल नहीं कुछ भी अब तेरे माना
पर बेआबरु तो मत निकाल हमें
जाने वाले बता देता कब तक
करनी यादों की है संभाल हमें
टूट कर आज हम बिखर जायें
हो यक़ीं कोई ले संभाल हमें