इश्क़ पार्ट 4
इश्क़ पार्ट 4
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मैं कशिश लिखूँ , तुम अपने बालों का खुलना समझना!!
मैं उफ्फ!! लिखूँ, तुम हमारी निगाहों का मिलना समझना!!
मैं शबाब लिखूँ, तुम जुबाँ पे मेरी ज़िक्र अपना समझना!!
और जो मैं लिखूँ उकूबत, तुम मुझसे बिछुड़ जाना समझना!!
तुमको ही लिखना मेरी लेखनी का तुम काम समझना
जो मैं इश्क़ लिखूँ ....तुम अपना नाम समझना!!
मैं इश्क़ लिखूँ ....तुम अपना नाम समझना!!