दिल की बात
दिल की बात


कब तक सुनता रहूँ मैं उनकी
होते जो अक़्सर साथ मेरे !
कब तक मैं उनका दिल रखूँ
खुद मेरा दिल भी पास मेरे !
दिल मेरा शहद का प्याला हाँ
कड़वे हैं पर अल्फाज़ मेरे !
कब तक मैं उनका दिल रखूँ
खुद मेरा दिल भी पास मेरे !
कब तक सुनता रहूँ मैं उनकी
होते जो अक़्सर साथ मेरे !
कब तक मैं उनका दिल रखूँ
खुद मेरा दिल भी पास मेरे !
दिल मेरा शहद का प्याला हाँ
कड़वे हैं पर अल्फाज़ मेरे !
कब तक मैं उनका दिल रखूँ
खुद मेरा दिल भी पास मेरे !