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Aditya Srivastav

Abstract

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Aditya Srivastav

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दिल की बात

दिल की बात

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कब तक सुनता रहूँ मैं उनकी

 होते जो अक़्सर साथ मेरे !


कब तक मैं उनका दिल रखूँ

खुद मेरा दिल भी पास मेरे !


दिल मेरा शहद का प्याला हाँ

 कड़वे हैं पर अल्फाज़ मेरे !


कब तक मैं उनका दिल रखूँ

खुद मेरा दिल भी पास मेरे !


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