दिल की बात
दिल की बात
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कब तक सुनता रहूँ मैं उनकी
होते जो अक़्सर साथ मेरे !
कब तक मैं उनका दिल रखूँ
खुद मेरा दिल भी पास मेरे !
दिल मेरा शहद का प्याला हाँ
कड़वे हैं पर अल्फाज़ मेरे !
कब तक मैं उनका दिल रखूँ
खुद मेरा दिल भी पास मेरे !