चाँद चमक जाता है!
चाँद चमक जाता है!


मेरा लम्हा गुजरता नहीं वक़्त थम जाता है
जिस पल मेरी आँखों की तेरी आँखों से
मुलाक़ात हो जाती!
मेरा चाँद और भी चमक जाता है आसमान में
जिस रोज़ तुम्हारे अधरों से निकले शब्दों की
मेरे कर्णपर्दों पर बौछार हो जाती!!
मेरा लम्हा गुजरता नहीं वक़्त थम जाता है
जिस पल मेरी आँखों की तेरी आँखों से
मुलाक़ात हो जाती!
मेरा चाँद और भी चमक जाता है आसमान में
जिस रोज़ तुम्हारे अधरों से निकले शब्दों की
मेरे कर्णपर्दों पर बौछार हो जाती!!