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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Romance

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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Romance

हम-तुम

हम-तुम

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प्रीत भी हो तुम गीत भी हो, जीवन का संगीत भी हो, सुर मेरे तुम ताल मेरे, मधुर कंठ का राग भी हो। अनुराग भी हो मेरा प्यार भी हो, सपनों का शृंगार भी हो, मधुमास मेरे तुम साथ मेरे, सावन की बरसात भी हो।

हम रह न सकेंगे तेरे बिन, प्यासे ही हम मर जाएंगे, तडपेंगे सदा हम रह- रहके, फिर तुमसे ना मिल पाएंगे। हम रह न सकेंगे तेरे बिन, प्यासे ही हम मर जाएंगे, तडपेंगे सदा हम रह -रहके फिर तुमसे ना मिल पाएंगे।

प्राण भी हो तुम जान भी हो, नस- नस मेँ संचार भी हो, धड़कते दिल के ताल मेरे, साँसों का एहसास भी हो।  प्रीत भी हो तुम गीत भी हो, जीवन का संगीत भी हो, सुर मेरे तुम ताल मेरे, मधुर कंठ का राग भी हो। अनुराग भी हो मेरा प्यार भी हो, सपनों का शृंगार भी हो, मधुमास मेरे तुम साथ मेरे, सावन की बरसात भी हो।

दोनों का है मिलन अनोखा,हम ना जुदा हो सकते हैं, बंधन है जन्मों -जन्मों का,  टूट कभी नहीं सकते हैं। दोनों का है मिलन अनोखा,हम ना जुदा हो सकते हैं, बंधन है जन्मों जन्मों का,  टूट कभी नहीं सकते हैं।

शब्द भी हो तुम आवाज भी हो, प्यार की तुम सौगात भी हो, प्रिय भी हो प्रियतम भी मेरे, अनुरागों का एहसास भी हो। प्रीत भी हो तुम गीत भी हो, जीवन का संगीत भी हो, सुर मेरे तुम ताल मेरे, मधुर कंठ का राग भी हो। अनुराग भी हो मेरा प्यार भी हो, सपनों का शृंगार भी हो, मधुमास मेरे तुम साथ मेरे, सावन की बरसात भी हो !


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