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Anil Sharma

Romance

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Anil Sharma

Romance

इश्क़ मुश्क छुपाए नही छुपता..

इश्क़ मुश्क छुपाए नही छुपता..

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इश्क़ मुश्क छुपाये नही छुपता,

कभी दब गया नज़रों से,

कभी नीलाम हुआ बाज़ारों में,

कभी ठोकर खाता फिरा भंकरों सी,


कभी बैठा सत्ता शीश पे,

और हुआ आशीष सितारों में,

हर वक़्त में अपनी छाप छोड़ी, 

कभी छुपा कभी दिखा

इतिहास के गलियारों में,


पर मैं किये बैठा इश्क़ को कैद,

मेरे दिल की ऊंची अकेली दीवारों में,

मुश्क की खुश्बू इतनी बांध बैठा मैं, 

भरी इत्र चमकीली मीनारों में,


मेरी मोहब्बत छुपाने की कोशिश में,

मैंने भी युही वक़्त ज़ाया नही किया,

क्योंकि मैंने बंधते देखा है

उफनते दरिया को,

सूखी घास और गीली मिट्टी से

बने किनारोंं में।


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