जनता कर्फ्यू
जनता कर्फ्यू
शांति और सन्नाटे में बड़ा एक अंतर सुनाई दिया,
ख़ौफ़ और फिक्र का छोटा ही सही, फर्क समझा दिया,
जनता कर्फ्यू ने कल मुझे एक नया अक्स दिखा दिया !!
पुराने किताब के पन्नो से धूल उड़ाई,
कुछ पुराने दोस्तों से कॉल मिलाई,
पड़ोस में कितने दिनों बाद, वो शख्स दिखाई दिया,
जनता कर्फ्यू ने कल मुझे एक नया अक्स दिखा दिया !!
सुबह से भाग-दौड़ में लग, देर शाम अंधेरे में चुप ,
एक घड़ी-सा भाग,
मिला नहीं जिस पड़ोसी से कभी, बालकोनी में सहपरिवार ताली बजाए दिखा,
जनता कर्फ्यू में कल मुझे एक नया अक्स दिखा !!
रात के सन्नाटे औऱ शोर में दब जाती है आवाज कई,
शोर की इस भीड़ में, सब ढूंढे अपनी आवाज कहीं,
कल छोटी चिड़िया को भी अपने चहकने का वजूद सुनाई दिया,
जनता कर्फ्यू ने कल मुझे नया अक्स दिखा दिया !!
एक खुली लंबी सांस सी खुलकर ली प्रकति ने,
सांफ आसमान और खाली सड़को को जैसे अपना लिया हो धरती ने,
थक के परिंदे बैठ गए यूँ सड़को पर, जैसे जिंदगी भर भागते उन्हें घर दिखाई दिया,
जनता कर्फ्यू में कल मुझे, एक नया अक्स दिखा !!
कल की फिक्र, लगभग छोड़ दी किसी ने,
भयावह लगता मंजर ये सबको, पर पहली बार इसमे खूबसूरत मूरत देखी सभी ने,
कल तक अपने लिए जीने वाला इंसान को, किसी का दर्द दिखा दिया,
जनता कर्फ्यू में कल मुझे, एक नया अक्स दिखा दिया !!