सूखी घास और गीली मिट्टी से बने किनारोंं में। सूखी घास और गीली मिट्टी से बने किनारोंं में।
ऐसा काम ही क्यों करें के मुँह छुपाना पड़े। ऐसा काम ही क्यों करें के मुँह छुपाना पड़े।
मेरा दिल भी तुमको समझने लगा है कभी दिल तुम्हारा दुखाया नही मैं मेरा दिल भी तुमको समझने लगा है कभी दिल तुम्हारा दुखाया नही मैं
शायद कुछ है जो, तुम मुझसे छुपा रही, अल्फ़ाज़ ज़ुबान पे है, फिर भी उन्हें बहका रही...! शायद कुछ है जो, तुम मुझसे छुपा रही, अल्फ़ाज़ ज़ुबान पे है, फिर भी उन्हें बह...
बात बे बात मुस्कुराती है। जाने क्या क्या छुपाती है।। बात बे बात मुस्कुराती है। जाने क्या क्या छुपाती है।।
थोड़ी सी ख़ामोशी मुझे है स्वीकार ... अतिशयोक्ति में डूबा हुआ नहीं चाहिए प्यार ! थोड़ी सी ख़ामोशी मुझे है स्वीकार ... अतिशयोक्ति में डूबा हुआ नहीं चाहिए प्यार !