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Habib Manzer

Romance

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Habib Manzer

Romance

कोई बात तुमसे छुपाया नहीं मैं

कोई बात तुमसे छुपाया नहीं मैं

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कोई बात तुमसे छुपाया नही मैं,

मगर दिल की बातें बताया नही मैं

तेरी बेरूखी इस तरह आज क्यों

कई रात भर सो भी पाया नही मैं,


यही सोंचता हुँ ख़ता क्या हुआ है,

ज़माने की रस्मो निभाया नही मैं


बहुत खूश हुआ तुमसे जब मैं मिला था

मगर याद क्यों तुझको आया नही मैं


मुझे ग़म जुदाई भी तुमसे मिली है

तेरे आँख मे अश्क लाया नही मैं


मेरा दिल भी तुमको समझने लगा है

कभी दिल तुम्हारा दुखाया नही मैं


मुझे अब बताओ तेरा खौफ क्या है

तुझे एक पल भी भूलाया नही मैं


क्या किस्मत है अपनी नही जानता हुँ

वजह हर खामोशी बताया नही मैं


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