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Asmita prashant Pushpanjali

Drama Inspirational

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Asmita prashant Pushpanjali

Drama Inspirational

इश्क

इश्क

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कौन कहता है

खुद से इश्क नहीं होता


सच तो बात ये है

उन्हें इश्क का मतलब ही

पता नही होता।


साँस लेना भी तो इश्क है

आईना ताकना भी तो इश्क है


सजना-सँवरना भी तो इश्क है

है कोनसी वह जगह,

जहाँ इश्क नहीं बसता।


शरमाना भी तो इश्क है

इतराना भी तो इश्क है


अदाओं से लुभाना भी तो इश्क है

है कौनसा वो समां

जब इश्क नहीं होता।


शोखियाँ बिखेरना भी तो इश्क है

नजाकत से चलना भी तो इश्क है


घुंघट उठाना भी तो इश्क है

है कौन से वो लम्हात

जब इश्क साथ नहीं होता।।


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