इश्क किया था मगर
इश्क किया था मगर
इश्क किया था मगर
ना अंत तक हुआ हासिल
अब कैद करके यादों को
आधी रातों को रोता है दिल ।
इश्क किया था मगर
चोटें बहुत खायी दोनों ने
सुला करके मन में
रास्ते चुने अलग दोनों ने।
इश्क किया था मगर
समाज ने दुत्कारा
घरवालों के आगे ना
कोई मिला सहारा।
इश्क किया था मगर
ना तोड़े कोई नियम
साथ ना होकर भी
दिल से जुड़े है हम।
इश्क किया था मगर
विश्वास ना तोड़ा कभी
एक दूसरे का सन्मान किया
सामने आए जब भी।
