इश्क की लहर
इश्क की लहर
मैं चाहता हूं कि तुझ से नजर मिला दूं,
नजर मिला के इश्क के ज़ाम छलका दूं,
आसमान के बादलों का काजल बनाकर,
तेरे तिरछे नयनों में प्यार से लगा दूं।
मैं चाहता हूं कि तुझ से दिल मिला दूं,
दिल मिलाकर इश्क की धड़कन सुना दूं,
तेरे होंठों के अल्फाज कलम में उतारकर,
तेरे इश्क की मधुर गज़ल मैं बना दूं।
मैं चाहता हूं कि तुझे सावन की घटा में बुला लूं,
तेरे साथ मिलन करके मेरे दिल में तुझे बसा दूं,
तुझे मेरे ख्वाबों की मल्लिका बनाकर,
तेरे लिये मैं इश्क की महफ़िल सजा दूं।
में चाहता हूं की तेरी दिल की गमगीनी मिटा दूं,
अपनी जिंदगी को तेरी चाहतों में मिला दूं,
"मुरली" में तुझे इश्क की तान सुना कर,
तेरे तन और मन में मेरे इश्क को लहरा दूं।