STORYMIRROR

Ajay Gupta

Drama

2  

Ajay Gupta

Drama

इशारा

इशारा

1 min
505

किसी की तो है मजबूरी इशारा

किसी दिल की है मंज़ूरी इशारा।


कहाँ लम्बी कथा सुनता शराबी

समझ जाता है अंगूरी इशारा।


हुई अब गैर की मेरी मुहब्बत

नज़र आया है सिंदूरी इशारा।


मरे जाते हैं यूपी के खिलाड़ी

करे है चोट बँगलूरी इशारा।


मेरा क्या दोष है जो दिल मचलता

वो सर से पाँव तक पूरी इशारा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama