इस कदर
इस कदर
इस कदर वो मेरी जिंदगी में आयेगा
रात का शमा सूरज की रोशनी में नहायेगा
सुबह का सूरज चाँदनी बन छायेगा
इस कदर वो मेरी जिंदगी में आयेगा
चाँदनी से चमकता वो आसमां
मेरे लिए तारों के दीप जलायेगा
फूलों से भरा बगीचा
राहों में सुंगध बिखरायेगा
इस कदर वो मेरी जिंदगी में आयेगा
सुर लय ताल स्वयं में समेटे
वो मेरी जिंदगी का गीत बन जायेगा
न बरसेंगे पतझड़ के बादल
वो बसंत बहार लायेगा
मेरी होठों का मुस्काना जिससे
वो मेरी आँखों में शर्मायेगा
इस कदर वो मेरी जिंदगी में आयेगा
दुनिया की चाह न मुझको
वो मोह बन छायेगा
वो मेरे अरमानों की बगिया
वो सपने बन जायेगा
इस कदर वो मेरी जिंदगी में आयेगा
मेरे मंदिर की मूरत उसमें
वो दिल का भजन कहलायेगा
फिर न खोजूंगी उस भोले को
उसी में मेरा शंकर समायेगा
इस कदर वो मेरी जिंदगी में आयेगा....