इस जिंदगी में आई थी मोहब्बत
इस जिंदगी में आई थी मोहब्बत
इस जिंदगी में आई थी मोहब्बत
एक खुशनुमा बसंत की सुबह बनकर।
सिखा गई इस दुनिया मेंज़मीर से सौदा न करना।
ठंडे दिमाग से सोचना मिलना और बिछुड़ना,
चाहे जो भी हो मुट्ठी बंद करके सह जाना।
अनकहे रह कर बहुत कुछ कह जाना।
इस जिंदगी में भी आई थी मोहब्बत
खुशनुमा शाम बनकर,एहसासों को समझकर।
उकेर देना खाली कागज मेंलफ़्ज़ों की स्याह कालिख।
करा गई अटूट सच्चाई से सामना।
हर बसंत की खूबसूरती के बातआएगी पतझड़ अपनी उदासी लिए।
मुस्कुराते हुए मान लेना।
हर मौसम बदल जाएगा।
हर पल गुजर जाएगा।
जिंदगी चलती रहती हैसरपट दौड़ लगाती रेल की तरह।
मोहब्बत दे जाते हैंखयालात जोजिंदा रहते हैं।
ख्वाहिशें लिए हुए।
ख्वाहिशें अपनी जगह हमेशा पूरी हो ही जाती है।