मै भी कहीं याद आऊँगा.
मै भी कहीं याद आऊँगा.


जिस दिन तुम्हें ये मंजिलें मिल जायेगी उस दिन तुम्हें मैं भी कहीं याद आऊँगा
यादों के संग कुछ काफिले बन जायेंगे
फिर से खुशी के गीत मैं भी गाऊँगा
जब भी खतरों में लगे ये जिंदगी
और उज्ज्वल कल ना दे बंदगी
मंजिलों से जब भी तुम हटने लगो
और भोर में जब तुम ना जगो
जब भी अंधेरों से डर लगने लगे और डर तुमको रग रगने लगे
उस हार के पहले तुम याद करना तुम्हारे संग मैं मंजिलों तक जाऊँगा
जिस दिन तुम्हें ये मंजिलें मिल जायेगी उस दिन तुम्हें मैं भी कहीं याद आऊँगा
१
हौसले जब भी तुम्हारा साथ छोड़े और साथी सब तुम्हारा हाथ छोड़े
यदि मंजिलों की राह में पड़ना अकेले अनवरत तब तुमको है बढ़ना अकेले
मंजिलें पाने की खातिर बढ़ना पड़ेगा
संघर्ष करके यह समर लड़ना पड़ेगा
तुम्हारे चेहरे में दिखे जब मुझको खुशी
तुम्हारे संग मैं विजय ध्वज लहराऊँगा
जिस दिन तुम्हें ये मंजिलें मिल जायेगी
उस दिन तुम्हें मैं भी कहीं याद आऊँगा।