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नमिता गुप्ता 'मनसी'

Romance

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नमिता गुप्ता 'मनसी'

Romance

इंतज़ार में..

इंतज़ार में..

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इतना भी आसान नहीं होता 

लौटना

पुराने दिनों में

किसी पुरानी याद की तरह !!


हो सकता है

अबकी जब लौटो

घर.. दरवाजा..दीवारें..

सबकुछ वहीं हों ,

लेकिन

दरवाजे के पीछे से इंतज़ार करती हुई आंखें

थक गई हों

इंतज़ार करते हुए ही !!


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