उसने अनजान बन कहा आपको कुछ ग़लतफ़हमी हुई उसने अनजान बन कहा आपको कुछ ग़लतफ़हमी हुई
जिंदगी सच है या मौत अब ना समझ आता है जिंदगी सच है या मौत अब ना समझ आता है
भूल चुकी है सबकुछ याद रहता है बस घर/ पति और बच्चे भूल चुकी है सबकुछ याद रहता है बस घर/ पति और बच्चे
मुझे तेरी रहनुमाई चाहिए मुझे तेरी रहनुमाई चाहिए
आर्थिक - मानसिक संतुलन बनाने में, इंसान पिस रहा। आर्थिक - मानसिक संतुलन बनाने में, इंसान पिस रहा।
इतना भी आसान नहीं होता लौटना पुराने दिनों में! इतना भी आसान नहीं होता लौटना पुराने दिनों में!