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Jyoti Naresh Bhavnani

Abstract Classics Inspirational

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Jyoti Naresh Bhavnani

Abstract Classics Inspirational

इंसानों ने फर्क बनाया है

इंसानों ने फर्क बनाया है

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ईश्वर ने बनाया सभी को एक सा,

इंसानों ने आपस में फर्क बनाया है।

सभी में तो बहता है खून एक सा,

फिर भेद किस बात का बनाया है ?


धर्म जाति के नाम पर इंसानों ने,

आपसी प्यार को भी भुलाया है।

खुद को औरों से ऊंचा जानकर,

आपसी झगड़ों को क्यों बढ़ाया है ?


चार दिन का यहां ठिकाना है सब का,

इस सच्चाई को सबने भुलाया है।

कुछ भी चलना नही है साथ अपने,

ये खुद को क्यों नहीं समझाया है ?


झूठे शान और मान की खातिर,

आपसी रिश्तों को भी भुलाया है।

झूठे धन और दौलत की खातिर,

खून के रिश्तों को भी क्यों रुलाया है ?


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