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Shivanand Chaubey

Tragedy

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Shivanand Chaubey

Tragedy

इंसानियत पे जुल्म का

इंसानियत पे जुल्म का

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इंसानियत पे जुल्म का ये परस्तार कौन है,

लुट रही मासूम बच्चिया गुनहगार कौन है।


है दिले दिलगीर उनकी मनः शक्ति क्षीण है ,

दरमिया क्यों मियान के तलवार अब भी मौन है।


कैसे करे तदवीर जो मासूम सी बेटी है वो,

लूट गयी अस्मत शिवम् अशजार में ये कौन है।


आज फिर है शाद दुर्योधन जुए में द्रौपदी,

सायवा इंसान का फिर जानवर सा कौन है।


इंसान के खदो खाल में था जानवर वहशी दरिंदा

लूट गयी मासूम जो बेबस लाचार वो मौन है।


है मावदे जीस्त वो खुदा भी हैरान ये सब देखकर

बिक रही माँ, बहन, बेटी, खरीददार कौन है !


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