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Rajit ram Ranjan

Romance

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Rajit ram Ranjan

Romance

हुस्न ज़ब सरेआम नीलाम होगा

हुस्न ज़ब सरेआम नीलाम होगा

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तुम्हारा हुस्न 

ज़ब सरेआम नीलाम होगा, 

ढल जायेगा यौवन 

चेहरे की झुर्रियों पर 

ठोकर तमाम होगा, 

आज जो तुम 

मेरे साथ कर रही हो, 

कल सारे किस्से 

तुम्हारे दरमियान होगा !


मै फिर भी 

तुम्हें टूटकर चाहूंगा, 

कोई रहमो-करम -एहसान 

नहीं तुझपे, 

कमबख्त दिल है की 

चेहरे की झुर्रियों 

पर आज भी मर मिटता है!


ये रूप जवानी का 

कुछ पल में 

ढल जायेगा, 

फिर तेरे चाहने वालों का 

मन भी भर 

जायेगा, 

आईने में भी देखने से 

डरोगी इस दहकते 

यौवन को, 

फिर तुम्हें मेरी याद 

आएगी, 

क्योंकि मेरा दिल 

आज भी मर 

मिटता है, 

चेहरे की झुर्रियों पर!


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