हर घर में रहे सुख का समां
हर घर में रहे सुख का समां
अब की दीपावली में वो बात कहां,
मन में पहले जैसे वो जज़्बात कहां,
खोया है जिस जिस ने भी अपनों को,
उन घरों में अब से दीपोत्सव कहां।
एक तूफान जो विश्व में आया था,
कोरोना महामारी जिसको सबने बुलाया था,
जिस जिस घर का उसमें दीप बुझा,
उन घरों में अब से दीपोत्सव कहां।
बड़ा ही बेरहम कुदरत का वो खेल था,
जो बच गया वो बड़ा ही खुशनसीब है,
जिन घरों ने अपना बहुत कुछ इसमें हारा है,
उन घरों में अब से दीपोत्सव कहां।
ईश्वर से हाथ जोड़ है बस यही प्रार्थना,
हर घर में अब रहे सुख व शांति का समां,
मां लक्ष्मी की रहे हर किसी पर दया,
बुझने न पाए किसी घर का अब दीप कहां।
न आए अब किसी के जीवन में कोई तूफां,
मुरझाने पाए न अब कोई फूल कहां,
रहे जगमग रोशनी हर जगह यहां वहां,
जिससे रोशन हो जाए फिर से ये सारा जहां।