होठों का जाम
होठों का जाम
झूम रहा है देखो वो बिन पिये शराब को,
ये होठों का जाम है, ज़रूर आँखों से पिया होगा.
मिल सका न जिससे हक़ीक़त में अबतक,
ख्वाबों में न जाने उससे कितनी बार मिला होगा.
मौत भी न कर पायी उन्हें जुदा एक दूसरे से,
मोहब्बत ज़रूर उसने उसके रूह से किया होगा.
शायद आ जाए वो उसकी कब्र पे मिलने,
मरकर भी न जाने वो कितनी बार जिया होगा...!
