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अशोक जोशी

Fantasy Others

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अशोक जोशी

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होली का त्योहार

होली का त्योहार

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ढोल नगाड़े बजने लगे,

भंग की ख़ुमारी थी,

किसी ने पीछे से आकर,

रंगने की कर ली तैयारी थी,

हम देखते ही रह गए,

और रंग दिया हरा हरा,

किसी ने उठाया और,

फेंक दिया रंग से भरें कड़ाव में,

और कहने लगें बुरा ना मानों होली है,

यहीं होता है होली के त्यौहार पर।


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