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Jyoti Deshmukh

Fantasy

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Jyoti Deshmukh

Fantasy

day-10जादू (पापा का पर्स)

day-10जादू (पापा का पर्स)

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पापा का पर्स सचमुच का जादू दिखाने वाला 

हर चीज़ दिलाने में सक्षम एसा करिश्मा करने वाला 

कल्प वृक्ष है निश्चिंत ही पापा का पर्स 

हर खुशी देता इसका स्पर्श 

वर्ष में आता संता बाबा क्रिसमस में सिर्फ एक दिन 

पर दिलाता है पापा का पर्स गिफ्ट मुझे एक दिन 


पूरी कर्ता ये हर ख्वाहिश हर मन्नत 

बनाता मुझे प्रिंसेस हर जगह लगती मुझे जन्नत 


शुक्र है ईश्वर का क्योंकि यह पर्स खाली नहीं होता 

आँखों ने जो देखे सपने वो हमेशा पूरा कर्ता 

पूरा कर्ता मेरा हर ख्वाब जो भी मेरा मन संजोता 

कूलर, टीवी, गाड़ी, और घर, अलमारी 

लाता है ये पर्स चीजे प्यारी-प्यारी 

अपने कपड़े, ट्यूशन फीस, किताबें का भला क्यों करूं मैं टेंशन 

पापा का पर्स है ना ये करेगा हर टेंशन का सोल्यूशन 


चाहे हो पिकनिक हो या पार्टी में सबसे आगे रहती हूँ 

इसलिए तो पापा के पर्स को खुल जा सिम सिम कहती हूँ 


पापा के पर्स ने कभी मुझे मायूस होने नहीं दिया

किन शब्दों में करूं भला इसका शुक्रिया 

विचलित हो जाती हूँ यह सोचकर कैसा होगा

ससुराल में इसके बिना जीवन 


मैं रही सारे घर की लाड़ली,

ना जाने लगेगा कैसे पापा के पर्स का बिछोह का दिन 

सभी की चहेती बन मे बन जाऊँगी बहू सबसे प्यारी 

हर बात पर खरी उतरकर में दु ससुराल को खुशियाँ बेहतरीन सारी 


पापा का पर्स है मेरी आन -बा न-शान 

इसका कभी घटने नहीं दु गी मान 

पापा का पर्स रहेगा ईमानदारी, इज्जत, और खुशी की खान 

इसकी कभी ना फीकी पड़ेगी शान, करती रहूंगी सदा इसका सम्मान।


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