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AVINASH KUMAR

Fantasy Inspirational

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AVINASH KUMAR

Fantasy Inspirational

साइंस फिक्शन

साइंस फिक्शन

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किसी ने सोचा ना था कभी,

आज हम पैदल चल रहे है।

एक दिन ऐसा भी आएगा,

लोग हवा में उड़ पाएंगे।

यह सब कुछ ही तो,

है विज्ञान के चमत्कार।


कबूतर का उपयोग करते थे लोग,

आज सबके पास मोबाइल है।

झूम उठते थे चिठ्ठी पाकर,

आज हर समय मैसेज है।

प्रयास हर प्रकार के किए जा रहे है,

लोग अंतरिक्ष में जा रहे हैं।


दूसरी दुनिया खोज रहे है,

नए अविष्कार हो रहे है।

यह और कुछ नहीं,

सिर्फ है विज्ञान के चमत्कार।

इंसान धीरे धीरे बदल रहा है,

उन्नत खोज करता जा रहा है।

विज्ञान का प्रयोग ये कर रहा है,

खुद को बहुत ऊपर पंहुचा रहा है।

विज्ञान का चमत्कार कुछ इस प्रकार हो रहा है,

ना सोचा हुआ काम भी हो रहा है।


कुछ भी नहीं है असंभव,

ये हमें साइंस बतला रहा है।

रफ़्तार अपनी इंसान बड़ा रहा है,

विज्ञान का प्रयोग कर रहा हैं।

जीवन को आसान बना रहा है,

जिंदगी को नर्क में धकेल रहा है।

रोबोट्स का निर्माण हो रहा है,

इंसान आलसी बनता जा रहा है।


फायदा भी है इसका,

नुकसान भी है अनेक।

इलाज सब हो रहा है,

पर यह तो है विज्ञान के चमत्कार।

कृषि क्षेत्र में हुआ विकास,

दोगुनी फसल आने लगी है।


हानिकारक रसायनों का छिड़काव,

अंधाधुन हो रहा है।

शिक्षा हो चुकी है उन्नत,

सब आज इंटरनेट पर चल रहा है।

घंटो का काम अब,

मिनटों में होने लगा है।

कृत्रिम बारिश कराई जा सकती है,

हवा से जल बन रहा है।


आखिर विज्ञान है साहब,

क्या क्या नहीं हो रहा है।

कमरे जितना बड़ा कंप्यूटर,

बैग में रखा जा सकता है।

हर स्क्रीन आज, 

टचेबल बन चुकी है।

ये विज्ञान है आखिर, 

कुछ भी चमत्कार हो सकता है।


विज्ञान का चमत्कार कुछ इस प्रकार हो रहा है,

ना सोचा हुआ काम भी हो रहा है।

कुछ भी नहीं है असंभव,

ये हमें विज्ञान बतला रहा।


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