हो मुबारक तुम्हें
हो मुबारक तुम्हें
हो मुबारक तुम्हें मेरे साथ बीते पल पल के रिश्ते।
मेरी दुनिया यूं ऐसी ना थी तुमसे मिलने से पहले ।।1।।
सारा जहां ही महका है मेरा तेरे दिए यूँ फूलों से।
जी रहा हूं बचपन फिर से मैं अब मरने से पहले।।2।।
हो मेरे शरीके हयात अब तुमसे क्या है छुपाना।
हो गया था बरबाद बचाया तुमने गिरने से पहले।।3।।
हो दूरियाँ ना तेरे मन से अब मेरे मन की कभी।
बस यह दुआ माँगता हूं सज़दे में गिरने से पहले।।4।।
तूने प्यार किया है मेरे अंदर रूह में उतर करके।
सारी राहतें दे दूं मैं तुझको मेरे बदलने से पहले।।5।।
आ चल तुझे दूर ले चलूं इस जहां से छिपाकर।
जहाँ खुशियाँ खत्म ना हो कभी मरने से पहले।।6।।