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kavyanjali _touchofpoetry

Drama

5.0  

kavyanjali _touchofpoetry

Drama

हँसी और ज़िन्दगी

हँसी और ज़िन्दगी

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साँवली सी आँखो में

एक सपना सा देखा मैंने आज

हवा के झौंको सी,

पूछा एक राज।


क्या है उस चेहरे के पीछे

खिलखिलाती हँसी

या है कोई गहरा राज

जवाब भी उसने

बड़ी शिद्दत से दिया।


कहता है,

जिंदगी का सफर

यूँ काटते ही रह गया

अपनों को पीछे छोड़

मुस्कराते ही रह गया।


भागा बहुत सपनों के पीछे

पर उन सपनों में

दम घुटते ही रह गया,


जब खोया सब कुछ

तब हँसी ही तो थी साथ

उसे गले लगाकर जिंदगी का

बाकी सफर काटते ही रह गया।।


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