हंगामा
हंगामा
न करो हंगामा मुझ से ओ सनम,
मुझ को परेशान न किया करो।
राई का कायम पर्वत बनाकर,
मुझ को तुम न सताया करो।....
समझा समझा कर थक गया हूँ ,
बात भी मेरी तुम सूना करो,
तुम कभी शांत रहती नहीं हो,
मुझ को बेबस न बनाया करो।...
गुस्सा छोड़ने को कह रहा हूँ मैं,
मायके की धमकी न दिया करो,
तुम तो चैन से रहती नहीं हो,
मुझ को बेचैन न किया करो।...
दिल से तुमको इश्क करता हूँ,
झांककर मेरे दिल में देखा करो,
इश्क का एहसास करती नहीं हो,
दिल से तुम महसूस किया करो।...
इश्क का गहरा सागर हूँ मैं,
मेरे दिल में तुम समाया करो,
"मुरली" पास तुम आती नहीं हो,
इश्क की अहमियत समझा करो।