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Taj Mohammad

Abstract Tragedy Action

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Taj Mohammad

Abstract Tragedy Action

हमको क्या फ़ायदा

हमको क्या फ़ायदा

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जो हमारा है वह, तुमको दूँगा नही

जो तुम्हारा है वह, तुमसे लूंगा नही।

अब बातें बनानें से, हमको क्या फायदा?

जब रिश्तों में हमारे, नफासत नहीं।।1।।


मानता हूं कि तुम हो, खूबसूरत बड़ी

पर सीरत ही नही है, तो कुछ भी नहीं।

यूँ दिखने दिखाने से, हमको क्या फायदा?

जब महबूब तुझमें नज़ाकत नही।।2।।


हो तुझको मुबारक, तेरी ज़िंदगी

मुझको जीने की अब, ख्वाहिश नही।

यूँ लिखने लिखाने से, हमको क्या फायदा?

जब पुरखों की मुझ को, वसीयत नही।।3।।


सबको लगता है हममें, अदावत नही

पूंछ लो जाके ये मेरी, शरारत नहीं।

यूँ मिलने मिलाने से, हमको क्या फायदा?

जब किसी को भी थोड़ी, फुरसत नहीं।।4।।


चाहतों का अब है कोई, मौसम नहीं

सावन को भी अभी यूँ,आना नहीं।

यूँ चाहने मानने से , हमको क्या फ़ायदा?

जब मोहब्बत ही हमको,मयस्सर नहीं।।5।।


रहता है तू मशगूल, फूलों के बगीचें में

खयाल रखता है इनका, खून पसीने में

इनके खिलने खिलाने से, हमको क्या फ़ायदा ?

जब बुत परस्ती में इनकी, जरूरत नहीं।।6।।



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