हमारी साइकिल
हमारी साइकिल
दो पहियों पर चलती जाती,
साइकिल है अति न्यारी।
पड़े न ईंधन चले खर्च बिन,
साइकिल सदा हमारी ।।
कच्ची पक्की सड़क हो चाहे,
हो पगडंडी टेढ़ी संकरी ।
फर्राटे भर चलती जाती,
कभी नहीं वो अखरी ।।
बचत और व्यायाम कराती,
रखे निरोगी सुन्दर काया ।
स्कूल हाट मित्रों के घर पर ,
झटपट उसने पहुंचाया ।।
जले न ईधन शोर ना होवे,
शुद्ध वायु मिलती जाए।
नहीं शोरगुल होता इससे,
साइकिल सदा लुभाए ।।
