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Nand Kumar

Children

3  

Nand Kumar

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हमारी साइकिल

हमारी साइकिल

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दो पहियों पर चलती जाती, 

साइकिल है अति न्यारी।

पड़े न ईंधन चले खर्च बिन,

साइकिल सदा हमारी ।।


कच्ची पक्की सड़क हो चाहे,

हो पगडंडी टेढ़ी संकरी ।

फर्राटे भर चलती जाती,

कभी नहीं वो अखरी ।। 


बचत और व्यायाम कराती,

रखे निरोगी सुन्दर काया ।

स्कूल हाट मित्रों के घर पर , 

झटपट उसने पहुंचाया ।।


जले न ईधन शोर ना होवे, 

शुद्ध वायु मिलती जाए।

नहीं शोरगुल होता इससे,

साइकिल सदा लुभाए ।।



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