हमारी मोहब्बत में
हमारी मोहब्बत में
क्या कुछ नहीं था
हमारी मोहब्बत में
गुलाब के फूल सी महक थी।
बस हमें तो
जिंदगी के कॉंटों
का सफर तय करना था।
क्या कुछ नहीं था
हमारी मोहब्बत में
तमाम़ सुकून भरे लम्हे थे।
बस हमें तो
कुछ मुश्किल की घड़ियों में
एक दूसरे का साथ देना था।
क्या कुछ नहीं था
हमारी मोहब्बत में
खामोशी की जुबां थी।
बस हमें तो
शब्दों के जाल में
उलझनों से बचना था।
क्या कुछ नहीं था
हमारी मोहब्बत में
प्यार भरी सुरमयी सी धुन थी।
बस हमें तो
चारों तरफ से आने वाले
अनचाहे शोर को
अनसुना करना था।
क्या कुछ नहीं था
हमारी मोहब्बत में
इश्क की नदी
कुछ ठहरी सी थी।
बस हमें तो
समय के घाटों का पानी
संयम से पीना था.
क्या कुछ नहीं था
हमारी मोहब्बत में
बस जो नहीं था
वो था "वक्त"।
हम दोनों की
मोहब्बत की नाव
जिंदगी की नदियाँ में
ना तैर पाई, ना डूबी।
बस वक्त की धुंध में
कहीं गुम हो गई।।