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Sankita Agrawal

Others

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Sankita Agrawal

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ये हसीन सफर

ये हसीन सफर

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तुम ना होते तो

ये हसीन सफर 

आसान ना था, 

मुझे हिम्मत दी

मुझमें अपनी 

जान फूँक दी।


मैं जन्मा तो मां

तुमने मुझमें अपना 

अक्स दिया, 

कभी नानी तो कभी दादी 

के हाथों में 

मुझे सौंप दिया।


मेरी बड़ी बहन 

तुमने मुझे कभी 

मारा-पीटा

तो कभी ढेर सारी 

ममता भी दी।


इधर धीरे धीरे 

मेरी उम्र बढ़ती रही

उधर मेरी नज़र में

तुम लोगों की छवि 

और भी खूबसूरत बनती रही।


मैं अक्सर कहता रहता हूँ

अपनी पत्नी जी से

तुम हो तो हम है 

वरना दुनिया में 

ग़म ही ग़म है।


कभी मेरी बात को 

हँसकर टाल देती है

तो कभी ऑंखों में 

ऑंसू भर लाती है।


बिटिया रानी के बारें में 

तो क्या ही कहूँ

जब जन्मी तो मुझे 

बच्चा बना दिया।


बड़ी हुई तो 

उसकी बढ़ती उम्र ने 

तो मुझे एक दो बार 

डरा ही दिया।


अब बैठा हूँ

समुद्र के किनारे 

देख रहा हूँ

लहरों को आते जाते

मेरे पैरों के निशां

बनाते बिगड़ाते ।। 



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