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Indu Karamunge

Classics

5.0  

Indu Karamunge

Classics

हमारा जीवन कुछ इन जैसा समझो

हमारा जीवन कुछ इन जैसा समझो

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हवा प्यार का मंदिर है

पानी हमारी खुशिया है


नदी हमारी मंजिल है

नाव हमारा सफर है


आसमान हमारा जीवन है

तारे हमारे सपने हैं


चांद हमारा अपना है

सूरज बनके चमकना एक ख्वाब है


पेड़ हमारी महक है

अंधेरा हमारा दुख है


मां है इसलिए मेरे जीवन में

सब सुख है।।


भाव : हवा को मैंने इस कविता में प्यार का मंदिर इसलिए कहा है कि हवा को हम कभी देख नहीं सकते या उसे किसी को दिखा नहीं सकते इसी तरह हम प्यार को भी दिखा नहीं सकते। पानी हमारी खुशिया है क्योंकि हम कभी पानी को या खुशियों को पकड़ नहीं सकते इसीलिए हमारी खुशी को मैंने पानी से तोल कर वर्णन किया है। नदिया हमारी जिंदगी की मंजिल है क्योंकि नदिया जितनी बड़ी है और जितनी लंबी है हमारी जिंदगी का सफर भी उतना ही लंबा है, इसीलिए मैंने मंजिल की तुलना नदियों से की है।हमारा मन इतना बड़ा है कि मैंने उसकी तुलना आसमान से कर दी, क्योंकि हमारे मन में दुनिया को हम बसा सकते हैं और हमारे अपनों को हमारे मन में हम संभाल कर रखते हैं इसीलिए मैंने मन की तुलना आकाश से की है। तारों को मैंने अपने सपनों से वर्णन किया है क्योंकि तारों जैसी चमक हमारी जिंदगी में लाना है हम

ें इसीलिए मैंने तारे जैसी क्षमा हमारी जिंदगी में होनी चाहिए उसके वास्ते मैंने अपनी तुलना तारों से की है। चांद हमारा अपना है क्योंकि हम हर वक्त उसे देख सकते हैं रात में हम चांद को देखते हुए अपने लोगों को याद कर सकते हैं इसीलिए चांद को मैंने अपना कहा है। अंधेरे की तुलना मैंने दुख से की है क्योंकि अंधेरा ही हमारे दुख का कारण है अंधेरा यानी हमारे अंदर की बुराई या हमारे साथ हुए धोखे से हमें दुख पहुंचा सकता है वह दुख अंधेरे के समान होता है पर हम भाग्यशाली हैं कि उस अंधेरे को रोशन कर देने वाली कौन सी हमारे पास है उस कुंजी का नाम मां है। एक घर का अंधेरा क्या पूरी दुनिया का अंधेरा भी जब उसके कदम किधर भी पडेंगे तो वहां रोशन ही रोशन हो जाएगा। ऐसी निर्मिती हमारी मां है, भगवान भी एक-एक बार कांप जाते हैं उसके प्यार करने की ताकत को देखकर। हम इंसान तो क्या चीज है अंधेरा तो मां के कदमों की महक देख कर ही उससे सौ गुना दूर भाग जाता है। हमारे जीवन में मां का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। वह हमारी ममता की प्रतिमूर्ति है इसीलिए अपनी मां को खुश रखा करो। मां है ममता है प्यार है जिंदगी है जीना है खुशिया है अरमान है सब कुछ है तो आपको लगा कि यह कविता हमारे जीवन से मिलती जुलती है। आपको अच्छी लगी तो मुझे कमेंट और फॉलो करिएगा। धन्यवाद।


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