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Indu Karamunge

Others

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Indu Karamunge

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पानी को बचा लो

पानी को बचा लो

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नीर के बिना नर को

निर्मित करना नर्क है।


जल के बिना जीने की

उम्मीद रखना व्यर्थ है।


पानी के बिना रहने की

सोच रखना मूर्खता है।


इसीलिए पानी को

संभाल के बहाना चाहिए


आज से हम नहा रहे हैं

कल न जाने उसे गंवाना पडे़।


पानी जब चला जाएगा

पूरी धरती सूखी बनेगी

पूरी दुनिया भूखी बनेगी

जीवन सबका दुखी बनेगा

प्यासा प्यासा हर कोई मरेगा।


इसीलिए मैं कहती हूं

पानी को संभालना सीखो

जिंदगी को सुधारना सीखो।


पानी की आस लेकर

हमें पानी को बचाना है

कितना उपयोग हम करें

इसका विचार भी करना है।


भविष्य सुखी बनाना है तो

पानी को बहाना छोड़ो

कितना पानी बहाना

इसका तुम हिसाब जोड़ो।


कहां गंवाया कहां बहाया

इसका कुछ हिसाब नहीं है

इसीलिए मैं कहती हूं

अब तो हम सुधर जाएं

पानी को बचाने के

हित से हम संवर जाएं।


अगर हम यूं पानी को बहाएंगे

हम सब सूखे ही मर जाएंगे।


नदिया पेड़ कह रहे हैं

हे मनुष्य वह मनुष्य

हाथ जोड़ते हैं आपसे।


पानी का उपयोग तुम

इतना भी मत करो

नहीं तो धरती प्यासी बनेगी

हम सब की सांस ना रहेगी

पानी के बिना सब सूना है

पानी ही हमारे लिए सोना है।


अभी तो सब सुधर जाओ

पानी के लिए सब संवर जाओ

अभी तो सब सुधर जाओ

पानी के लिए सुधर जाओ

पानी के लिए सुधर जाओ।



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