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हिन्दी केवल एक भाषा नहीं

हिन्दी केवल एक भाषा नहीं

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हिन्दी केवल एक भाषा नहीं

सृजन की यह आभा है

हिन्दी केवल एक गाना नहीं

जीवन की जयगाथा है।

हिन्दी केवल एक वर्ग नहीं

विविधताओं का भंडार है

हिन्दी केवल एक तर्क नहीं

समीक्षाओं का संसार है।

हिन्दी बहुत सरल है

प्रकृति जिसकी तरल है

संवेदनाओं की भूमि में

यह परिपक्व फसल है।

हिन्दी केवल मातृभाषा नहीं

संवैधानिक एक पर्व है

हिन्दी केवल राजभाषा नहीं

गणतांत्रिक यह गर्व है।

हिन्दी केवल एक बोली नहीं

चिंतन की यह उपमा है

हिन्दी केवल एक मोती नहीं

मंथन की यह महिमा है।

अभिव्यक्ति का अंश है

यह न कोई अपभ्रंश है

आदिकाल से भी आदि

सभ्यताओं का वंश है।

हिन्दी केवल एक भाषा नहीं

जीवन की यह ज्वाला है

हिन्दी केवल परिभाषा नहीं

सृजन का यह प्याला है।

हिन्दी केवल एक संकाय नहीं

ज्ञान की यह दृष्टि है

हिन्दी केवल एक पर्याय नहीं

सम्मान की यह सृष्टि है।

इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं

के साहित्यिक पतन रोकती यही

पठन-पाठन अतिसुंदर लेखन 

लोक-लुभावनी लोकोक्ति यही।

हिन्दी केवल एक भाषा नहीं

जीवन की जिज्ञासा है

हिन्दी केवल एक आशा नहीं

मन की महत्वाकांक्षा है।

हिन्दी केवल एक मंत्र नहीं

आध्यात्मिक अनुनाद है

हिन्दी केवल एक छंद नहीं

यह आत्मिक अनुवाद है।

अनुदार नहीं बहुत उदार है यह

उद्वेलित मन का उपहार है यह

वैचारिक व्याकरण से सुसज्जित

हृदय का उद्दीप्त उद्गार है यह।

हिन्दी केवल एक भाषा नहीं

जीवन की जिजीविषा है

हिन्दी केवल अभिलाषा नहीं

सृजन की सही दिशा है।

हिन्दी केवल एक मुक्तक नहीं

मर्म की मधुशाला है

हिन्दी केवल एक पुस्तक नहीं

कर्म की पाठशाला है।

राष्ट्रीय गौरव है यह

शासकीय सौरव है यह

क्लिष्ट और कर्कश नहीं 

मधुर कलरव है यह।

हिन्दी केवल एक पथ नहीं

चिंतन की उपमा है

हिन्दी केवल एक रथ नहीं

मंथन की महिमा है।

हिन्दी केवल चलचित्र नहीं

अभिव्यक्ति का संगीत है

हिन्दी केवल एक क्षेत्र नहीं

अनुभूति का यह गीत है।

हिन्दी केवल एक प्रदेश नहीं

बल्कि संपूर्ण भारत है

हिन्दी केवल राजआदेश नहीं

बौद्धिक अभिभावक है।

हिन्दी केवल शब्दकोश नहीं

विधाओं का विस्तार है

हिन्दी केवल ज्ञानकोश नहीं

मेधाओं का मल्हार है।

हिन्दी केवल एक भाषा नहीं

कवि की कविता है

हिन्दी केवल एक आशा नहीं

रवि की सविता है।

हिन्दी केवल एक अक्षर नहीं

यह विशिष्ट योग्य वर्ण है

हिन्दी केवल हस्ताक्षर नहीं

अपितु हृदय का दर्पण है।

हिन्दी केवल मातृभाषा नहीं

सृजन की यह आभा है

हिन्दी केवल राष्ट्रभाषा नहीं

जीवन की महागाथा है।।


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