लम्हे जिदंगी के
लम्हे जिदंगी के
लम्हे जिंदगी के
यूं ही गुजर जाते है
जीवन की किताब में
किस्से यादों के छप जाते है
मां बाप के साये में
बचपन गुजर जाता है
संस्कारों के आचरण से
जीवन सुधर जाता है
शिक्षा से मिल जाता है
सामुदायिक ज्ञान
समाज में जीने का
समझ में आता है विज्ञान
लम्हे जिंदगी के जीओ
जैसे उड़ती है तितलियाँ
जीवन बहुत छोटा है
भूल जाओ सारी गलतियां।
