वक्त
वक्त
तन्हा सा मैं दिखता हूँ ।
यादों के संग रहता हूँ ।
ठोकरों से सीखे हैं सबक ।
हर हाल में जी लेता हूँ ।
वक्त की चालाकियां भी खूब हैं ।
सुस्त दीखता हुआ तेज गुजर जाता है।
हम कभी मुश्किल से गुजारते हैं जिसे,
बड़ी आसानी से आगे निकल जाता है।
