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Dr.Purnima Rai

Abstract Inspirational

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Dr.Purnima Rai

Abstract Inspirational

सुनना सदैव गरीब की आहों को

सुनना सदैव गरीब की आहों को

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सुनना सदैव गरीब की आहों को।

फूल से सजा दो उसकी राहों को।।


मत आँख चुराना दीन को देखकर ,

करीब से मिलाओ इन निगाहों को।।


प्रेम पगा मन करता है इंतजार,

डालो गले में प्रेम से बाँहों को।।


लानत उनपर जो बेच रहे जमीर ,

मिले सजा जग में झूठे गवाहों को।।


प्राकृतिक संपदा का हो संरक्षण ,

बचायें "पूर्णिमा" बन्दरगाहों को।।


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