क्या दोगे जवाब
क्या दोगे जवाब
ओ परिंदे क्यों फंसते हो?
इन गिद्धों की चाल में।
बिछाते है जो शतरंजी मोहरे,
लड़ जाते हो तुम बाज से।।
दूर खड़े देख रहे सब तमाशा,
उजड़ रहा सब कुछ तुम्हारा।
उनका मकसद यही तो था,
बाज परिंदे को बर्बाद करना।।
समझो अब भी है समय,
ना बनाओ अहं की लड़ाई।
उन मासूमों का क्या होगा?
बिना कसूर जान पर बन आई।।
कहां करोगे तुम राज?
बंजर विरान धरती पर।
क्या दोगे जवाब जब?
मासूम तुमसे करेंगे प्रश्न।।
थोड़ा सा झुक जाओ,
मिलजुलकर कर लो बात।
सुलझाओ समस्या का हल,
ना करो गिद्धों पर विश्वास।।